भुवनेश्वरः12सितंबरःअशोक पाण्डेयः
12सितंबर को कटक,डीएवी,सीडीए,सेक्टर-6 में साहित्य समाज का दर्पण है।–विषयक जीवनोपयोगी साहित्य संगोष्ठी स्कूल की प्राचार्या नमिता महंती के कुशल नेतृत्व में आयोजित हुई। आमंत्रित सम्मानित वक्ताओं में विजय मल्ल,अशोक पाण्डेय,डा शक्ति महंती और डा असीम रंजन परही ने हिस्सा लिया। हिन्दी वक्ता अशोक पाण्डेय ने बताया कि भारत में एकमात्र शैक्षिक संगठन डीएवी ही है जो आरंभ से बच्चों में संस्कार,संस्कृति तथा जीवन मूल्यों की तालीम देते हुए उन्हें औपचारिक शिक्षाएं सतत प्रदान करता है। जो विषय आज के साहित्य संगोष्ठी के लिए रखा गया है(साहित्य समाज का दर्पण है) बिलकुल सही है। किसी भी राष्ट्र की पहचान उसका साहित्य होता है,उसके साहित्यकार होते हैं।उन्होंने जोर देकर कहा कि साहित्य को सामान्य लोगों के सदा जुडा होना चाहिए। आज का युग सामान्य व्यक्ति का युग है। सामान्य व्यक्ति की आवश्यकताओं को पूरा करने से जुडा है। उन्होंने अपने संबोधन में विद्यालय की प्राचार्या नमिता महंती से यह विनम्र निवेदन किया कि जिस प्रकार आध्यात्मिक जगत के गुरु स्वामी विवेकानंदजी की मां सदैव उनकी जिज्ञासा को शांत करने का आजीवन प्रयास किया आज कटक डीएवी,सीडीए,सेक्टर-6 के 6000 बच्चों की जिज्ञासा को शांत करनाबहुआयामी कौशलों को विकास करना,उन्हें अनुशासित और चरित्रवान नागरिक बनाना प्राचार्या का दायित्व है।विजय मल्ल,डा शक्ति महंती और डा असीम रंजन परही ने भी ओडिया और अंग्रेजी में इस उक्ति की सोदाहरण पुष्टि की कि निर्विवाद रुप में साहित्य समाज का दर्पण है।साहित्य में अभिरुचि रखनेवाले कुछ बच्चों ने अपनी-अपनी स्वरचित कविताओं का सस्वर वाचन किया। प्रश्नोत्तरी सत्र काफी जीवंत रहा। प्राचार्या नमिता महंती ने विद्यालय परिवार की ओर से आमंत्रित वक्ताओं को सम्मान किया तथा समूह फोटो खिचवाया।
अशोक पाण्डेय
साहित्य समाज का दर्पण है।–विषयक जीवनोपयोगी साहित्य संगोष्ठी कटक डीएवी,सीडीए,सेक्टर-6 में आयोजित
