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14 नवंबर को सार्थकबनाया मधुकुंज-उद्योग-समूह के प्राणप्रतिष्ठाता तथा मधुकुंज-संयुक्त अग्रवाल-परिवार के अमृतपुत्रःसज्जन अग्रवाल

अशोक पाण्डेय
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त
जैसाकि सभी जानते हैं कि 14नवंबर बालदिवस के रुप में मनाया जाता है और 76वर्षीय श्री सजन अग्रवालका आज जन्मदिन है।मधुकुंज उद्योग समूह के प्राणप्रतिष्ठाता तथा मधुकुंज-संयुक्त अग्रवाल-परिवार के अमृतपुत्रएक संस्कारी माता-पिता की एक सुयोग्य संतान हैं जिनका आध्यात्मिक जीवन सभी के लिए अनुकरणीय तथा प्रेरणास्त्रोत है।श्री सज्जन अग्रवाल के पिताजी स्व.रामविलास अग्रवाल तथा माताजी स्व.नारायणी देवी अग्रवाल हरियाणा के शिवानी से 1950 में जटनी आये।1951 से जटनी से ही उन्होंने अपने व्यापार की शुरुआत की । जटनी में उनदिनों उनका खूब आदर-सम्मान था। उनकी आत्मीयता तथा सहृदयता से जुडी यादें जटनीवासियों के दिलों पर आज भी अमर है। श्री सज्जन अग्रवाल भी एक संस्कारी संतान के रुप में जटनीवासियों के साथ-साथ पूरे ओडिशावासियों के दिलों में रचे-बसे हैं। उनका सदाचारी,परोपकारी,विशुद्ध शाकाहारी, जनहितकारी आध्यात्मिक जीवन कमाल का है। वे समाज के बडे-बुजुर्ग से लेकर सभी कारोबारी,युवा उद्योगतियों के रोलमाडेल हैं।उनका पूरा संयुक्त परिवार उनको अमृतपुत्र कहकर पुकारता है। सज्जन अग्रवाल के हंसते-खेलतेसंयुक्त परिवार के सहयोगी हैं- रामअवतार अग्रवाल,किशन अग्रवाल,प्रवीण अग्रवाल,पवन अग्रवाल, विकाश अग्रवाल,विशाल अग्रवाल,बिनय अग्रवाल,हितेष अग्रवाल,श्रीमती नेहा,श्रीमती रीमा,श्रीमती शोभा,श्रीमती शुचि,श्रीमती शेली आदि और समस्त बाल-गोपाल। कंपनी के निदेशक रामअवतार अग्रवाल के अनुसार उनके बडे भाईपरम आदर्णीय सज्जन अग्रवाल अपने पूरे परिवार के अमृतपुत्र हैं।उनके अनुसार 10सितंबर,2021 को जब मधुकुंज-समूह का जटनी में प्रथम जेवेलरी तथा डायमण्ड शोरुम सीताराम चौक पर खोला गया तो प्राणप्रतिष्ठाता सज्जन अग्रवाल ने बताया कि जिस जटनी की मिट्टी,हवा और पानी में वे जन्म लिये हैं। जहां से वे पले-बढे और शिक्षित हुए हैं, इस लायक बनें हैं कि अब वे जटनी के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।यह शोरुम उसी आत्मीयता को जीवित रखने का उनकी ओर से सफल प्रयास है।सज्जन अग्रवाल का मानना है कि अगर वे किसी को एक हाथ से कुछ देते हैं तो उनके दूसरे हाथ को भी पता नहीं चलता है।विगत लगभग पांच दशकों से ओडिशा निजी व्यापार-जगत के सज्जन अग्रवाल अमृतपुत्र हैं।जटनी गोपीनाथ मंदिर में उन्होंने अपने माता-पिता की मधुर स्मृति में अति भव्य तथा अति सुंदर तोरणद्वार बनवाया है।1965 से लेकर आजतक का उनके निजी उद्योग-समूह की कामयाबी का सफर बिलकुल आसान नहीं था। वह सफर, कठोर संघर्षों तथा उनके धीरज की पल-पल की परीक्षा का सफर था। हर वक्त उन्हें अपने आत्मविश्वास की कठिनतम परिस्थिति से उन्हें गुजरना पडा था।गौरतलब है कि श्री बालाजी इसेंस इण्डस्ट्रीज के तहत मधुकुंज अगरबत्ती,पवन कंज्यूमर केअर के तहत बालाजी नारियल तेल,नेहा इण्टरप्राइजेज के तहत एवरग्रीन चाय तथा उषा इंस्ट्रीज के तहत स्वच्छ डिटरजेंट आदि का प्रोड्क्शन होता है। उन्होंने अपने निजी उद्योग-समूहों में सत्यनिष्ठा और आत्मविश्वास की नींव डाली है।उनका प्रत्येक स्टाफ उनका अपना है। अपने घर के सदस्य जैसा है। प्रतिदिन सभी कर्मचारियों को दिन का भोजन वे अपनी ओर से ससम्मान निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं।भुवनेश्वर मारवाडी सोसायटी,भुवनेश्वर जटनी आपणो परिवार,जटनी गोपीनाथ मंदिर सेवासमिति जैसे अनेक संगठनों से जुडे श्री सज्जन अग्रवाल मधुकुंज उद्योग-समूह की असाधारण कामयाबी का श्रेय अपने सभी भाइयों, भतीजों, बेटों, बहुओं आदि को देते हैं। अपने जन्मदिन संदेश में वे कहते हैं कि सभी गोभक्त बनें, ईश्वरभक्त बनें और निःस्वार्थ मानवसेवी,समाजसेवी तथा लोकसेवीबनें।युवा उद्योगपति,कारोबारी तथा युवा-युवती तकनीकी रुप से कौशल-संपन्न हों।समाज में संयुक्त परिवार की अवधारणा पुनः प्रतिष्ठित हो। ऐसे अमृतपुत्र श्री सज्जन अग्रवाल को उनके हैप्पी बर्थडे पर सभी की ओर से हार्दिक बधाई तथा शुभकामना।
अशोक पाण्डेय

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