अशोक पाण्डेय,
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त द्वारा
महाप्रभु जगन्नाथ के देश ओडिशा की सांस्कृतिक नगरी कटक के सुविख्यात कोरोबारी तथा निःस्वार्थ गोसेवक व समाजसेवक गणेश प्रसाद कंदोईका जन्म 17जून,1946 में राजस्थान के चुरु जिले के राजगढ गांव में हुआ। वे 30जनवरी,1968 को कटक आये। उनका विवाह सौभाग्यवती रत्ना के साथ 09मार्च,1970 को हुआ। आज पति गणेश प्रसाद कंदोई और उनकी पत्नी रत्ना कंदोई अपने इकलौते पुत्र युवा कारोबारी नवीन कंदोई,समाजसेविका पुत्रवधू नीलम कंदोई तथा पोती चिकिता कंदोई के संग आनंद के साथ सुखी वैवाहिक जीवन जी रहे हैं। उनका अपना कंदोई –परिवार जीवन के पारिवारिक शाश्वत मूल्यों की अपनी पाठशाला है जिसमें वाल-संस्कार और पारिवारिक संस्कृति विकसित होता है।सच कहा जाय तो जिस प्रकार एक मां को अपने बेटे देखकर और एक किसान को अपना लहलहाता खेत देखकर जो आनंद आता है वहीं आनंद गणेश प्रसाद कंदोई को कटक श्रीगोपालकृष्ण गोशाला देखकर आता है। वे प्रतिदिन अपनी दिनचर्या की थुरुआत गोशाला सुप्रभात मण्डली के करीब 50 सदस्यों के साथ मॉर्निंग वॉक से करते हैं।यह बात नहीं है कि वे उस गोशाला के महासचिव हैं अपितु कुल लगभग 36 एकड भू-भाग पर अवस्थित उस गोशाले की प्रत्येक गाय उनके प्राण समान हैं। आखिर हो क्यों नहीं, उनके स्वर्गींय पिताजी मानमल कंदोई तथा उनकी स्वर्गींय माताजी परमेश्वरी देवी ने उनको जो बाल-संस्कार के रुप में गोसेवा,मानवसेवा औरमाधवसेवा दिया है।यह इस बात का प्रमाण है कि 2019 में गणेश कंदोई ने 09मार्च से लेकर 16मार्च तक श्रीगोपाल कृष्ण गोशाला,कटक में मशहूर गोकथा व्यास मुरलीकृष्ण जी महाराज द्वारा गोकथा कहलाई थी जिसे हजारों गोभक्तों ने सुनी थी। कटक मारवाडी समाज के वे 2013 से लेकर 2015 तकसंस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। गणेश प्रसाद कंदोई की प्रेरणा उनकी पत्नी कंदोई हैं। उनके सुपुत्र युवा कारोबारी नवीन कंदोई तथा उनकी कुलवधू नीलम कंदोई उनके जीवन के आधारस्तम्भ हैं और उनकी पोती चिकिता कंदोई उनके सचमुच प्राण स्वरुप है। आज,दिनांकः09मार्च,2023 कोविकास के शिखर पुरुषःगणेश प्रसाद कंदोई तथा उनकी पत्नी रत्ना कंदोई कोउनके भावी सुखी वैवाहिक जीवन की सालगिरह पर अशोक पाण्डेय की ओर से बहुत-बहुत बधाई तथा अनेकानेक शुभकामनाएं।
अशोक पाण्डेय
विकास के शिखरपुरुषःगणेश प्रसाद कंदोई तथा उनकी पत्नी रत्ना कंदोई के सुखी वैवाहिक जीवन की सालगिरह पर विशष आलेख सप्रेम भेंटः
