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जिंदगी फाउंडेशन : इस बार भी 13 में 13 बच्चों नीट-2023 में अच्छी रैंकिंग

खाने के लिए नहीं था, पढ़ाई की सोचना तो दूर की बात…ऐसे 103 बच्चों को नीट क्वालीफाई कराया

विश्वरंजन गया ओडिशा के पुरी जिले के गरीब दिहाड़ी मजदूर का बेटा है।  एक बहुत ही मेधावी छात्र होने के बावजूद, उनका परिवार मेडिकल कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकता था। वास्तव में, पूरे परिवार के लिए प्रतिदिन भर पेट भोजन मिलना भी बहुत मुश्किल था। विश्वरंजन ने NEET 2023 में 640 स्कोर किया है। अब उसे एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लगभग तय है। ये सिर्फ एक कहानी नहीं। हकीकत की वह सुखद कड़ी है जिसमें इन जैसे 103 छात्रों को ज़िंदगी फाउंडेशन जोड़ चुका है। इसमें इस बार के रिजल्ट के 13 छात्र हैं। जिंदगी फाउंडेशन के फाउंडर अजय बहादुर सिंह बताते हैं कि वह खुद आर्थिक कारणों से डॉक्टर नहीं बन पाए। जब संघर्ष के दौर से वह निकले तो उन्होंने संकल्प लिया कि कोई भी योग्य छात्र सिर्फ पैसे के कारण डॉक्टर नहीं बन पाए, ऐसा वह नहीं होने देंगे। इसके बाद उन्होंने फाउंडेशन शुरू किया, जिसमें वह विशेषज्ञों के जरिए बच्चों को तैयारी करवाते हैं। साथ ही उनके खाने पीने से लेकर रहने के लिए हॉस्टल तक का सारा खर्च फाउंडेशन उठाता है। उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि भुवनेश्वर से करीब 60 किमी दूर एक बच्चा सूर्यकांत संधिबिग्रह खुद के स्तर पर तैयारी कर रहा है, लेकिन उसके माता-पिता दिहाड़ी का काम करते हैं। इसलिए पढ़ना तो दूर, दो जून की रोटी के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन्होंने अपनी टीम भेजी और उस बच्चे को भुवनेश्वर ले आए। इस बार की नीट में उन्होने 604 स्कोर किया है। दिहाड़ी मजदूर की बेटी दीपिका दलाई जिसने 607 अंक लाई इसके साथ और अन्य बच्चों की कहानी भी काफ़ी प्रभावित करने वाली है। जो हम नहीं कर पाए, उससे अन्य बच्चे वंचित न रहें जिंदगी फाउंडेशन के तहत, इन छात्रों को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कोचिंग, अध्ययन सामग्री और अन्य सभी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त मिलीं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें जबरदस्त सफलता मिली।  2017 से अब तक 103 छात्रों ने नीट के लिए क्वालीफाई किया है। इस साल भी फाउंडेशन के सभी 13 छात्रों ने नीट के लिए क्वालीफाई कर लिया है।  अजय कहते हैं, “अत्यंत कठिन आर्थिक परिस्थितियों के कारण मैं डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा नहीं कर पाया। अब मैं इन विद्यार्थियों के माध्यम से अपना सपना पूरा कर रहा हूं। हम जिंदगी फाउंडेशन में अपने प्रयास बढ़ा रहे हैं और इस साल अधिक संख्या में छात्रों को लेने की योजना बना रहे हैं।

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