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तीन दिवसीय कीट इण्टरनेशनल मून 11वां संस्करण सम्पन्न: भाग लिए देश के 500 विश्व विद्यालय ए​वं महाविद्यालय के लगभग 1300 से अधिक प्रतिनिधि

जी-20 में भारत के नेतृत्व की प्रशंसा, संयुक्त राष्ट्र के ढांचे में बदलाव का आह्वान

मून के माध्यम से छात्र-छात्राएं दुनिया की प्रमुख समस्याओं से होंगे अवगत निकालेंगे समाधान का मार्ग: प्रो. अच्युत सामन्त

भुवनेश्वर: कीट डीम्ड विश्व विद्यालय में तीन दिन तक चलने वाला एशिया के सबसे बड़े कीट इंटरनेशनल माडल यूनाइटेड नेसन्स (मून) का 11वां संस्करण रविवार को सम्पन्न हो गया। इसमें देश के लगभग 500 विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के लगभग 1,300 से अधिक प्रतिनिधियों के हिस्सा लिया साथ में नाइजेरिया, सोमालिया, बांग्लादेश, सिरिया, इथोपिया, कांगो एवं इंडोनेशिया आदि देश के छात्र प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और आज दुनिया के सामने रहने वाली विभिन्न समस्याओं पर मंथन किया। उद्घाटन उत्सव में टोगो के उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्रालय के स्कालरशिप एवं इंटरशिप विभाग के निदेशक कोमला ए.जेरिस जोगवेमा मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिए जबकि सम्मानित अतिथि के तौर पर नई दिल्ली स्थित टोगो दूतावास के कार्यकारी अधिकारी यावा एडेम आकपेमाडो उपस्थित रहकर अपने विचार रखे। अतिथियों ने बताया कि एंगेज टू एमपावर विषय पर आयोजित कीट मून का 11वां संस्करण युवाओं के बीच सशक्तिकरण और विकास की सुविधा प्रदान करेगा। यह भविष्य की एक सुंदर दुनिया के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा। जी-20 के नेतृत्व में भारत की शानदार भूमिका की सराहना करते हुए जोगवेमा ने संयुक्तराष्ट्र के ढांचे में बदलाव का आह्वान किया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, कई नये मुद्दे अब उभरे हैं जिनमें आक्रमण, युद्ध, आतंकवाद, खाद्यान्न की कमी, स्वास्थ्य देखभाल और शरणार्थी संकट आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मानव विकास के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए टोगो, भारत के साथ घनिष्ठ संबंध रखना चाहता है। कार्यक्रम में कीट-कीस के संस्थापक प्रो अच्युत सामंत ने कहा कि कीट इंटरनेशनल मून एशियाई महाद्वीप की सबसे बड़ा मून कार्यक्रम एक सुंदर परिसर में आयोजित किया जा रहा है, जिसने कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (केआईएसएस)कीस की तरह एंगेज टू एम्पावर विषय का अनुवाद किया है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि मून के माध्यम से छात्र-छात्राएं दुनिया की प्रमुख समस्याओं से अवगत होंगे और इसके समाधान के लिए चर्चा के माध्यम से रास्ता निकालेंगे। कीट मून में 35 कार्यकारी बोर्ड के सदस्य हैं और इसमें इंडोनेशिया और बांग्लादेश के छात्र प्रतिनिधि थे। कीट मून के महासचिव सीतेश सिंह ने शैडो यूएन की अध्यक्षता की। गौरतलब है कि 2013 में अपनी स्थापना के बाद से कीट-मून तेजी से बढ़ा है। यह भविष्य के नेताओं और राजनयिकों के लिए एक आदर्श मंच बन गया है जो दुनिया भर में गरीबी, भूखमरी, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और शरणार्थी संकट पर चर्चा के माध्यम से परिवर्तन चाहते हैं। इस अवसर पर कीट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शरणजीत सिंह, रजिस्ट्रार प्रोफेसर ज्ञान रंजन महंती, कीट विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संपर्क महानिदेशक देवराज प्रधान, अतिरिक्त कुलपति डा श्याम सुंदर बेहुरा प्रमुख अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।

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