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जगन्नाथ जी के हैं भारत के चारों धाम :News

जगन्नाथ जी के हैं भारत के चारों धाम :

-अशोक पाण्डेय ——————– जब तपस्वियों ने‌ घेरा तो बदरीनाथ कहलाए। जब कपियों ने घेरा तो‌ रामनाथ, रामेश्वरम कहलाए। जब गोपियों
परशुरामजी : राष्ट्र और समाज निर्माण का अवतारNews

परशुरामजी : राष्ट्र और समाज निर्माण का अवतार

अक्षय तृतीया पर विशेष झूठा है क्षत्रिय विनाश का प्रसंग सृष्टि निर्माण में अवतारों के क्रम में परशुराम जी का
चतुर्धा दारु विग्रह देवगण कलियुग के चारों जीवित वेद हैं जो श्री जगन्नाथ धाम पुरी के श्रीमंदिर के रत्न वेदी पर विराजमान हैं ।News

चतुर्धा दारु विग्रह देवगण कलियुग के चारों जीवित वेद हैं जो श्री जगन्नाथ धाम पुरी के श्रीमंदिर के रत्न वेदी पर विराजमान हैं ।

चतुर्धा दारु विग्रह देवगण कलियुग के चारों जीवित वेद हैं जो श्री जगन्नाथ धाम पुरी के श्रीमंदिर के रत्न वेदी

“आलसी न बनें!”

-अशोक पाण्डेय ——————— एक प्रजापालक और न्यायप्रिय राजा था। वह अपना राजकोष अपनी प्रजा के लिए खर्च करता था। अपने
“ज्ञान बांटने के लिए ही होता है।ज्ञान का दान तो ब्रह्मा जी देवता,मानव और दानव को एक साथ ही दिया था लेकिन…”News

“ज्ञान बांटने के लिए ही होता है।ज्ञान का दान तो ब्रह्मा जी देवता,मानव और दानव को एक साथ ही दिया था लेकिन…”

-अशोक पाण्डेय ———————– एक समय की बात है। ब्रह्मा जी के पास देवता,मानव और दानव एकसाथ ज्ञान मांगने के लिए

व्यक्ति के कर्म ही उसके भाग्य का निर्धारण करते हैं।

–अशोक पाण्डेय मोह-माया के इस संसार रुपी कर्मस्थली में व्यक्ति का कर्म ही उसके भाग्य का निर्धारण करता है।ब्रह्माजी से
श्रीजगन्नाथ धाम पुरी में देवस्नानपूर्णिमा  आगामी 12जून कोNews

श्रीजगन्नाथ धाम पुरी में देवस्नानपूर्णिमा आगामी 12जून को

-अशोक पाण्डेय. श्रीजगन्नाथ धाम पुरी में 2025 की देवस्नानपूर्णिमा आगामी 12जून,ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को है।

जय गुरुदेव!जय जगन्नाथ!जय परशुराम!

“युद्ध कभी व्यक्ति अथवा समुदाय नहीं लड़ता है। कोई देश नहीं लड़ता है अपितु दो स्वार्थ लड़ते हैं। मान्यवर, स्वार्थी

“हमारे सभी कर्मों के फल तीन प्रकार के होते हैं।”

-अशोक पाण्डेय ———————– यह संसार कर्म-क्षेत्र है, कर्मस्थली है। भगवान जगन्नाथ ने हमसभी को यहां पर इसलिए भेजा है कि

“समय पर “

-अशोक पाण्डेय ——————— आजकल सबसे विचित्र अनुभव यह देखने और अनुभव करने को मिल रहा है कि सभी समय पर

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