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‘आइडिया’को भगवान माननेवाले कटक निवासी 76 वर्षीय श्री पुरुषोत्तम कंदोई

अशोक पाण्डेय, संपादक :आलोकपुरुष .इन, 1 मार्च ,2021
पिछले लगभग 50 वर्षों से व्यापारी नगरी कटक में रहनेवाले पुरुषोत्तम कंदोई के लिए अपने इष्टदेव के रूप में एकमात्र ‘आइडिया’ है और कुछ भी नहीं । उनके कटक कार्यालय का दौरा करने पर यह पता चला। यह देखकर सुखद आश्चर्य का अनुभव भी हुआ कि जिस जगह पर भगवान जगन्नाथ की तस्वीर को रखकर पूरा ओडिशा पूजा करता है । उनसे अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करता है ।तन ,मन और धन से भगवान जगन्नाथ के चरणों में अपने आपको समर्पित कर अपना काम करता है,उस जगह पर पुरुषोत्तम कंदोई ‘आइडिया ‘को रखकर सदैव अपना कार्य करते हैं । सच तो यह भी है कि पुरुषोत्तम कंदोई मात्र साढे 21साल की उम्र में सीए करके और विधि में डिस्टिंक्शन की डिग्री प्राप्त करके किसी सरकारी नौकरी की तलाश में जब कटक आए तो उनको निराशा हाथ लगी । उनको कटक में अपने ट्रांसपोर्ट का काम आरंभ करना पड़ा। एक मौका उनके जीवन में अवश्य आया जहां उनको सरकारी कार्यालय में सीए का काम मिलते मिलते रुक गया। उनको वह काम इसलिए नहींं मिला क्योंकि वह ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़े हुए थे । अंत में उन्होंने यह सोचा कि मनुष्य परिस्थितियों का दास होता है और उसके लिए अच्छी आईडिया ही उसके लिए अपना भगवान स्वरूप होती है।
निर्विवाद रूप से यह भी सच है कि आज की दुनिया पूरी तरह से अच्छे विचारों और अच्छी आइडिया पर आधारित है जिसे अपना इष्टदेव मानकर जिस प्रकार श्री पुरुषोत्तम कंदोई आज के युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा पुरुष हैं। अच्छी आईडिया को अपनाकर आनंदमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उनके आइडिया वाले इष्टदेव विचार से आज की युवा पीढ़ी को ही नहीं अपित समस्त कारोबारियों को , उद्योगपतियों को, भामाशाह को निश्चित रूप से उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
आप भगवान की पूजा करें ,यह बहुत अच्छी बात है लेकिन अच्छी आइडिया ही आपको जीवन में कामयाबी प्रदान कर सकती है आज के के भौतिकवादी युग में अपने इष्टदेव ‘आइडिया ‘को माननेवाले श्री पुरुषत्तम कंदोई आज सबके लिए आदर्श हैं। सुनने में तो श्री कंदोई का आइडिया वाला विचार एक पहेली जैसा लगता होगा लेकिन सच तो यह है कि आज जो कुछ भी पुरुषोत्तम कंदोई हैं ,वह अपने आत्मविश्वास और अपने इष्टदेव आइडिया को लेकर हैं। प्रत्यक्ष के लिए प्रमाण की जरूरत नहीं है इसलिए श्री पुरुषोत्तम कंदोई का व्यक्तिगत जीवन निश्चित रूप से देखने योग्य है ,अनुकरणीय है और प्रेरणा स्रोत है।

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