24अप्रैल,पंचायतराज दिवस पर एक अनौपचारिक बातचीत में कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत ने बताया कि केविद-19 के बुरे वक्त में भारत के सबसे अधिक संक्रमित राज्यों को जिसप्रकार का अभूतपूर्व सहयोग ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक द्वारा स्वेच्छापूर्वक ओडिशा सरकार द्वारा आक्सीजन आपूर्ति उपलब्ध कराया गया वह बेमिसाल उदाहरण रहा जिसके लिए आदरणीय नवीन बाबू की जितनी भी तारीफ की जाय वह बहुत कम होगी। उस अभूतपूर्व तथा असाधारण सहयोग के लिए मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक को बहुत-बहुत बधाई। साथ ही साथ उनके कुशल नेतृत्व में 24अप्रैल को ओडिशा में मनाये गये पंचायतराज दिवस पर भी प्रोफेसर सामंत ने हार्दिक साधुवाद दिया। प्रोफेसर अच्युत सामंत ने बताया कि महाजनो येन गतः सह पंथा अर्थात् सज्जन जिस रास्ते पर चलते हैं वहीं रास्ता सबसे उत्तम रास्ता होता है। ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक एक सच्चे जननायक हैं।चिंतक,विचारक,दार्शनिक तथा विद्वान मुख्यमंत्री हैं। ओडिशा के जनमानस के सच्चे अपने मुख्यमंत्री हैं। उनकी दूरदर्शी सोच,कार्यसंस्कृति तथा ओडिशा की भलाई के लिए प्रत्येक मुद्दे पर उनके सकारकात्मक विचार सभी के लिए प्रशंसनीय तथा अनुकरणीय हैं।प्रोफेसर सामंत ने बताया कि जिसप्रकार से 2020 के दौरान ओडिशा में आई वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से मुख्यमंत्री नवीन बाबू ने ओडिशावासियों को बचाया ठीक उसी प्रकार 2021 अप्रैल में आई केविद-19 की दूसरी भयावह लहर के बुरे वक्त में तथा आक्सीजन की किल्लत के जूझ रहे राज्यों को स्वेच्छापूर्वक ओडिशा सरकार की ओर से 250 टन आक्सीजन की पहली खेप की आपूर्तिकर अपनी ऐतिहासिक पहल का बेजोड उदाहरण उन्होंने दे दिया है। मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक का वह स्टेटमेंट युगों-युगों तक याद रखा जाएगा जिसमें उन्होंने भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी को बताया था कि 2021 में आई कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए 18 साल तक के बच्चों को भी कोरोना का टीका लगाया जाय तथा कोरोना टीका को सभी के लिए सस्ते दर पर उपलब्ध काराया जाय। कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत ने यह भी बताया कि ओडिशा ग्रामपंचायत अधिनियम 1948 में आया जिसे 1961 में तीन स्तरों पर लागू किया गया। प्रोफेसर सामंत के अनुसार राष्ट्रपिता महात्मागांधी का यह सपना था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। भारत को अगर भविष्य में आत्मनिर्भर बनाना है तो भारत के गावों में पंचायतीराज योजना लागू करना आवश्यक है। इसीलिए भारत के गावों को स्वावलंबी बनाने के लिए तथा बापू के सपने को साकार करने के लिए पंचायतराज दिवस मनाने की परंपरा 1992 से आरंभ हुई तथा भारतीय संविधान के 73वें संविधान संशोधन के उपरांत उसे 24अप्रैल,1993 से पूरे भारत में लागू किया गया।इस संबंध में प्रोफेसर सामंत ने ओडिशा सरकार की ओर से 5टी लागू करने की योजना को भी सबसे अधिक कारगर बताया। कुल मिलाकर,प्रोफेसर अच्युत सामंत के अनुसार ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक द्वारा ओडिशा के जनहित में लिए सभी कार्यक्रम पिछले लगभग चार दशकों से अतिप्रशंसनीय तथा उल्लेखनीय रहे हैं।
अशोक पाण्डेय