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क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भुवनेश्वर का 61वें वार्षिक दिवस समारोह

भूवनेश्वर,06/05/2024
आज दिनांक 6 मई 2024 क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भूवनेश्वर, NCERT में 61वें वार्षिक समारोह का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। समारोह में ओड़िशा के महामहिम राज्यपाल श्री रघुवर दास जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। समरोह का शुभारभ मुख्य अतिथि, संस्थान के प्राचार्य प्रोफ़ेसर प्रकाश चंद्र अग्रवाल एवं विद्यार्थी परिषद सलाहकार प्रो. रीतांजलि दाश द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रोफ़ेसर प्रकाश चंद्र अग्रवाल द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृतिचिह्न देकर उनका एवं अन्य सभी अतिथियों, मीडिया कर्मियों व संस्थान के अधिकारियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल श्री रघुवर दास जी ने कहा कि 21वीं सदी को नई दिशा देने में ऊर्जावान युवा ही देश के इंजिन हैं। बचपन से ही माताएं और शिक्षक व्यक्ति को अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर शिक्षा देकर उसके व्यक्तित्व को आकार देने में भूमिका निभाते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शिक्षा का मार्गदर्शक सिद्धांत बताते हुए विविधता में एकता का मंत्र देते हुए भारत को 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता और शिक्षकों की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। संस्थान के प्राचार्य प्रोफ़ेसर प्रकाश चंद्र अग्रवाल जी ने बताया कि भारत वर्ष की गौरवशाली परंपरा को बल देने वाला क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भूवनेश्वर गत छह दशकों से शिक्षक प्रशिक्षण में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहा है एवं राष्टीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर रीतांजलि दाश द्वारा संस्थान के शैक्षणिक सत्र 2023-24 की शैक्षणिक और पाठ्येतर विषयों से संबंधित गतिविधियों की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई तथा इस अवसर पर विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए मुख्य अतिथि व प्राचार्य द्वारा ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। इस समारोह में मनोरम सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। समरोह का समापन राष्टीय गान के साथ – साथ विद्यार्थी परिषद उप-सलहकार Dr. रश्मिरेखा सेठी द्वारा समस्त आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन कर किया गया।

 

सभी को नमस्कार,
मंच पर शोभायमान, स्वनामधन्य महामहिम राज्यपाल ओडिशा प्रदेश श्रीयुत श्री रघुबर दास जी, सभागार में पधारे समस्त अतिथिवृंद, संस्थान के सभी कर्मठ और योग्य सहकर्मीजन, मीडिया के लोग। संस्थान के पूर्व व वर्तमान विद्यार्थीगण, देवियों और सज्जनों। आज का अत्यंत सुखद पल खुशी और सम्मान से हम सभी को गौरवांवित करता है कि हम सब आज इस अग्रणी शैक्षिक संस्थान, के 61वें वार्षिकोत्सव के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। इस समारोह में, मैं आप सभी सुधीजनों का हार्दिक वंदन, अभिनंदन और स्वागत करता हूँ। हम सभी आज इस कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, ओडिशा के यशस्वी, महामहिम राज्यपाल श्रीयुत रघुबरदास जी को मुख्य अतिथि के रूप में पाकर धन्य हैं जो ओडिशा प्रदेश के राज्यपाल के रूप में हमें मार्गदर्शन दे रहे हैं। आप इससे पहले झारखंड राज्य के उप-मुख्यमंत्री व एक मात्र पूर्णावधि पूरी करने वाले, मुख्यमंत्री के रूप में अपने कुशल मार्गदर्शन, और नेतृत्व से राज्य के निर्माण में अहम योगदान दे चुके हैं। आज यहाँ आपकी उपस्थिति हम सभी के अंदर ऊर्जावान बने रहने के लिए अविरल प्रेरणा पुंज बनी है। संस्थान परिवार आपकी इस कृपा का हृदय से आभारी है कि इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए आपने हमें अपना बहुमूल्य समय प्रदान किया। जब हम अपने संस्थान की यात्रा के इस पड़ाव पर विचार करते हैं, तो महामहिम राज्यपाल महोदय जी से हमें जो सहयोग, समर्थन, और प्रोत्साहन मिला है, उसे स्वीकार करना वास्तव में गर्व का क्षण है। शिक्षा जगत के प्रति आपकी अटूट प्रतिबद्धता और हमारे समाज की बेहतरी के लिए आपका समर्पण व निष्ठा का भाव हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है और सदा रहेगा। साधारण परिवार में जन्मे महामहिम ने बी.एससी और एल.एल.बी की शिक्षा प्राप्त की। आपने अविभाजित बिहार में जमशेदपुर पूर्व से विधानसभा सदस्य के रूप में जन सेवा प्रारंभ की, पांच बार विधान सभा सदस्य रहे तथा राज्य व राष्ट्रीय स्तर के कई पदों पर सुचारू ढंग से कार्य किया। महामहिम महोदय, 1963 से समाज के सभी तबको को अविराम सेवा दे रहा यह प्रतिष्ठित, अग्रणी क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, छह दशकों से अधिक समय से शिक्षा और ज्ञान का अप्रतिम केंद्र बिंदु है। युवा मस्तिष्क का पोषण कर हमारे देश की दशा और दिशा को गति देते हुए भविष्य को वांछित आकार देने में अपनी अथक, निरंतर सेवाएँ प्रदान करता आ रहा है। यह संस्थान सतत रूप से शिक्षक के चँहुमुखी विकास के लिए प्रयत्नशील है। महोदय, यह संस्थान भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्तशासी, विद्यालयीन शिक्षा जगत की सर्वोच्च संस्था राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, नई दिल्ली की एक घटक इकाई है, जो देश के पूर्व व पूर्वोत्तर क्षेत्र के सेवापूर्व एवं सेवारत शिक्षकों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसके पाठ्यक्रम में 1964 से चार वर्षीय एकीकृत बी.एस.सी. बी.एड., चार वर्षीय एकीकृत बी.ए.बी.एड., 1997 से द्विवर्षीय बी.एड., द्विवर्षीय एम.एड., निर्देशन और परामर्श तथा विज्ञान शिक्षा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स और शिक्षा के क्षेत्र में पी.एच.डी. शामिल है। इस संस्थान के अंतर्गत प्रायोगिक बहुउद्देशीय विद्यालय में पूर्व प्राथमिक कक्षाओं से लेकर 12वीं तक सभी संकायों में शिक्षा दी जाती है। इस परिसर में आरंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा से लेकर पी.एच.डी. तक की शिक्षा की सुविधाएँ हैं। हमारा लक्ष्य भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में शिक्षा में अनुसंधान, विस्तार, प्रशिक्षण और परामर्श के माध्यम से गुणवत्ता, समानता, समावेशिता और उत्कृष्टता पर ध्यान देने के साथ-साथ स्कूली शिक्षा और शिक्षक शिक्षा में एक प्रशंसित नेतृत्व की अगुवाई करना है तथा उच्चतर शिक्षा और शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में भी इस संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुझे यह कहने में गर्व है कि हमारे संस्थान से प्रशिक्षित विद्यार्थी गण देश और विदेश के कोनें कोनें में अध्यापक, शिक्षक-प्रशिक्षक, प्राध्यापक, शासक–प्रशासक तथा विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर रहकर देश और जगत के के विकास में अपना महत्वपूर्ण सकारात्मक योगदान दे रहे हैं। यह संस्थान विद्यार्थियों की सृजनशीलता, उद्यमिता, कल्पनाशीलता, जीवनमूल्यों को निखारने, उनको बढावा देने, समाज हेतु जिम्मेदार, आदर्श नागरिक के गठन का कार्य करता है। विभिन्नताओं के बीच सामंजस्य के साथ रहते हुए व विभिन्न संस्कृतियों के मेल मिलाप से देश की एकता को पुष्ट करने के साथ-साथ, संस्थान में विद्यार्थियों के अंदर विभिन्न कौशलों के उपार्जन हेतु खेल- कूद, नृत्य – संगीत, चित्रकला, अभिनय, तर्क – विकास, निबंध आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन वर्ष भर किया जाता है। संस्थान की अपेक्षा है कि समाज को हर क्षेत्र में एक बेहतर भविष्य दें ताकि आने वाली पीढियों के लिए यह जगत सुंदर व सभ्य बने, तथा रहने की मनोहर जगह साबित हो जहाँ सबकी भागीदारी और सबकों उनका हक मिले और कोई उपेक्षित न हो। अंत में, यहाँ पर उपस्थित सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहूँगा , जिन्होंने क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भुवनेश्वर को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का पर्याय बनाने के लिए अपना अटूट समर्थन और
समर्पण दिखाया है। और एक बार फिर हमारे बीच में उपस्थित आज के सम्मानित मुख्यअतिथि, ओडिशा के महामहिम राज्यपाल जी को उनकी गरिमामयी उपस्थिति के लिए कोटिश धन्यवाद। आप सभी को और एक बार फिर इस 61वें वार्षिक उत्सव की बधाई देते हुए अपनी वाणी को विराम देना चाहूँगा –
धन्यवाद….
जय हिंद, जय भारत

 

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