गुरुवार को यहां एक कार्यक्रम में गिनी की नेशनल ट्रांजिसन काउंसिल के अध्यक्ष डॉ डान्सा कौरौमा को कीस मानवतावादी एवार्ड 2019 प्रदान किया गया। केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने केआईआईटी और केआईएसएस की अध्यक्ष शाश्वती बल, उप-सभापति उमापद बोस, और केआईआईटी और केआईएसएस के सचिव आर.एन. दाश की उपस्थिति में डॉ. कौरौमा को यह एवार्ड प्रदान किया गया। अपने संदेश में डॉ. कौरौमा ने भारत और गिनी के बीच मजबूत ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए खुशी जाहिर की, आध्यात्मिकता और भक्ति के शहर के रूप में भुवनेश्वर की भी प्रशंसा की। उन्होंने कीट और कीस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत के दृढ़ संकल्प, करुणा और प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कीट और कीस की असाधारण उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैं डॉ. सामंत में एक पिता का अनुभव करती हूं। आप निराश लोगों के लिए उच्च आशा रखते हैं और सत्य और विश्वास के प्रति समर्पित व्यक्ति हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया को बदलने में शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जो दृढ़ विश्वास और विश्वास पर आधारित है। डॉ. सामंत ने अपने संबोधन में कहा कि कीस मानवतावाद का प्रतीक है, जो अपने छात्रों की उचित देखभाल करते हुए उनमें करुणा पैदा करता है। अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में गिनी गणराज्य के राज दूतावास के प्रभारी डॉ. अमिनाता थियाम, गिनी संसद के चीफ ऑफ स्टाफ फोफाना मौसा, ऑस्ट्रिया दूतावास के सांस्कृतिक मंच के निदेशक माइकल पाल और डिविसा हर्बल केयर के संस्थापक संजीव जुनेजा और थाईलैंड के बौद्ध भिक्षु उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर (डॉ.) अमरेश्वर गल्ला, प्रो-चांसलर, कीस डीम्ड विश्वविद्यालय, प्रोफेसर सरनजीत सिंह, वीसी, केआईआईटी डीयू और प्रोफेसर दीपक कुमार बेहरा, वीसी, केआईएसएस डीयू उपस्थित थे।