ओडिशा के राज्यपालःप्रोफेसर गणेशीलाल
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक
कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत
ओडिशा की ज्ञानपीठ अवार्डी कथाकार डा प्रतिभा राय
ओडिया युवा साहित्यकार एवं कादंबिनी पत्रिका की सम्पादिका डा इति सामंत
27अप्रैल को ओडिया कथाकार पद्मश्री और पद्मविभूषण अवार्ड से सम्मानित मनोज दास का पुडुचेरी के एक नर्सिंग अस्पताल में सायंकाल निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे जो ओडिशा के बालेश्वर जिले के शंकरी गांव के रहनेवाले थे। एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में ओडिया भाषा को शांति की भाषा में रुप में प्रतिष्ठित करानेवाले स्वर्गीय मनोज दास 1963 से ही अरविंदो आश्रम पुडुचेरी में रहते थे। वे ओडिया तथा अंग्रेजी के एक सफल कथाकार थे जिनको पद्मश्री और पद्मविभूषण अवार्ड के साथ-साथ ओडिया साहित्य अकादमी अवार्ड,केन्द्रीय साहित्य अकादमी अवार्ड,सारलादास अवार्ड,सरस्वती सम्मान,विषुब सम्मान,कादंबिनी अवार्ड तथा प्रथम नीलिमारानी साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।अपनी कहानियों में बौद्धिकता का समावेश रखनेवाले,भावुकता का खयाल रखनेवाले तथा हृदय-मन के मध्य संतुलन रखनेवाले कथाकार मनोज दास को ग्राहमग्रीन,आर के नारायन तथा रस्किन बोण्ड जैसे कथाकार के रुप में याद किया जाता है। ओडिया साहित्यकारों का कहना है कि स्वर्गीय मनोज दास ओडिया ग्रामीण युवाओं के दिल के कथाकार थे जिनके निधन पर पूरा ओडिया साहित्यजगत दुखी है। उनके निधन पर गहरी संवेदना तथा शोकव्यक्त करनेवालों में ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल.ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक़,कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत़,ज्ञानपीठ अवार्डी डा प्रतिभा राय तथा ओडिया युवा साहित्यकार एवं ओडिया कादंबिनी मासिक पत्रिका की सम्पादिका डा इति रानी सामंत आदि हैं। डा इति रानी सामंत ने बताया कि वे स्वर्गीय मनोज दास को कभी नहीं भूल सकती हैं क्योंकि उनके मन में नारी साहित्यकारों के प्रति सम्मान था। वे उन्हें प्रोत्साहित करना चाहते थे। डा इति रानी सामंत ने यह भी बताया कि उन्होंने मनोज दास पर एक स्वतंत्र फीचर भी कादंबिनी में छापा था। मनोज दास को उनकी उल्ल्खनीय साहित्यिक सेवाओं के लिए 2017 में कादंबिनी साहित्य सम्मान तथा 2019 में प्रथम नीलिमारानी साहित्य सम्मान प्रदान किया था। कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता तथा कंधमाल लोकसभा सांसद ने बताया कि वे मनोज दास के कथासाहित्य से बहुत प्रभावित थे। उनकी रचना समुद्र र क्षुधा,लक्ष्मी क अभिसार तथा धूमाभ दिगंत आदि काफी लोकप्रिय रचनाएं हैं। एक कवि,एक ओडिया तथा अंग्रेजी कथाकार तथा एक सफल अंग्रेजी प्राध्यापक के रुप में स्वर्गीय मनोज दास सदैव अमर रहेंगे।
अशोक पाण्डेय