भुवनेश्वरः31दिसंबरःअशोक पाण्डेयः
31दिसंबर को सायंकाल स्थानीय उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय में श्री मुरारीलाल लढानिया की अध्यक्षता में नव वर्षः2022 अभिनन्दन संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें विषय था-कोरोना की तीसरी लहर और उसके दुष्प्रभाव।श्री लढानिया ने बताया कि पिछले दो सालों से एक तरफ कोरोना ने लाखों लोगों की जान ले ली है वहीं उनको व्यक्तिगत ऱुप से उनके स्वास्थ्य तथा कारोबार को भी बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। अगर 2022 में यही स्थिति कोरोना के नये संक्रमण की रही तो फिर जीना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में ,कोरोना से बच-बचाकर रहने की आवश्यकता है। 80वर्षीय लढानिया के विचारों का स्वागत करते हुये श्री किशन खण्डेलवाल ने बताया कि कोरोना के दुष्प्रभाव से मारवाडी सेठगीरी और आपसी मेल-मिलाप पूरी तरह से बन्द हो चुका है जिसका नुकसान समाज के बुजुर्गों को उठाना पड रहा है। 70वर्षीय अशोक पाण्डेय ने बताया कि उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय,भुवनेश्वर 2015 से ही बडे-बुजुर्गों का सम्मान करते आ रहा है ऐसे में,2022 में कोरोना से बचकर तथा निश्चित दूरी बनाकर यहां पर कोई संगोष्ठी तथा कवितापाठ आयोजित करने की आवश्य़कता है। सी.ए. अनूप अग्रवाल ने बताया कि नये साल का स्वागत हमसब को चिंतामुक्त तथा कोरोना के प्रभाव से तनावमुक्त होकर करना चाहिये।कोरोना का दुष्प्रभाव एक मानसिक कमजोरी को बढाता है जिसके लिये हमसब को बोल्ड होने की जरुरत है। श्री शिव कुमार शर्मा ने बताया कि एक समय था (1970 का दशक)जब भुवनेश्वर जनपद की सामूहिक सेवा झुनझुनवाला गार्डेन के मालिक स्व.देवकरण झुनझुनवाला परिवार की ओर से की जाती थी और उससे सामाजिक एकता बनी रहती थी तथा जनपद के लोगों का जीवन आनन्दमय जीवन था लेकिन पिछले लगभग दो सालों से कोरोना ने घर-परिवार तक को तोड दिया है जिसे नये साल में बचाने की आवश्यकता है। श्री सजन लढानिया ने बताया कि नये साल का अभिनन्दन आनन्दमय इरादे से होनी चाहिये। अंत में पुस्तकालय के मुख्य संरक्षक श्री सुभाष भुरा के संदेश- पुस्तकाल-परिवार से जुडे सभी का नव वर्ष 2022 मंगल हो-की जानकारी अशोक पाण्डेय ने दी।