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आगामी 27जून को निकलेगी भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा

आगामी 27जून को निकलेगी भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा

उस दिन जगत के नाथ विश्व मानवता को शांति,मैत्री और भाईचारा का संदेश देंगे-अशोक पाण्डेय सृष्टि के आदि,मध्य और अंत
जिंदगी फाउंडेशन के सभी प्रतियोगी 20 छात्र क्वालीफाई किए नीट 2025

जिंदगी फाउंडेशन के सभी प्रतियोगी 20 छात्र क्वालीफाई किए नीट 2025

भुवनेश्वर,19 जून, अशोक पाण्डेय: दिहाड़ी मजदूर के बेटे रघुनाथ बेहरा ने PwBD केटेगरी में पुरे देश में तीसरा रैंक प्राप्त
जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ! यह जगन्नाथ जी का फोटो जमशेदपुर जगन्नाथ मंदिर के श्री मनोरंजन ने मुझे भेजी है कि मैं इस
चन्द्रमौलीश्वर के साक्षात प्रतिरुपः  श्री जगन्नाथपुरी गोवर्द्धन पीठ के 145वें पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य

चन्द्रमौलीश्वर के साक्षात प्रतिरुपः श्री जगन्नाथपुरी गोवर्द्धन पीठ के 145वें पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाभाग चन्द्रमौलीश्वर के साक्षात प्रतिरुप हैं श्री जगन्नाथपुरी गोवर्द्धन पीठ के 145वें पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद
श्रीपुरी धाम का गुण्डीचा मंदिर

श्रीपुरी धाम का गुण्डीचा मंदिर

श्रीपुरी धाम का गुण्डीचा मंदिर भगवान जगन्नाथ की जन्मस्थली है।इसे गुण्डीचा घर,ब्रह्मलोक,सुंदराचल तथा जनकपुरी के नाम से भी जाना जाता
“भगवान जगन्नाथ आजीवन शिशु हैं।”

“भगवान जगन्नाथ आजीवन शिशु हैं।”

-अशोक पाण्डेय ——————- भगवान जगन्नाथ के‌ विषय में‌ अनेक किंवदंतियां हैं, रहस्य हैं और मान्यताएं हैं। जैसे : दारु विग्रह
भगवान जगन्नाथ के प्रथम सेवकः पुरी धाम के गजपति महाराजाः

भगवान जगन्नाथ के प्रथम सेवकः पुरी धाम के गजपति महाराजाः

श्री श्री दिव्य सिंहदेव जी महाराजा भगवान जगन्नाथ के प्रथम सेवक पुरी धाम के गजपति महाराजा श्री श्री दिव्य सिंहदेवजी
“पंचभूतों की सेवा ही भगवान जगन्नाथ का पावन संदेश है।”

“पंचभूतों की सेवा ही भगवान जगन्नाथ का पावन संदेश है।”

-अशोक पाण्डेय ——————- भगवान जगन्नाथ जी संस्कृति की सात्विक और तात्विक समीक्षा से यह स्पष्ट होता है कि एकतरफ जहां
“भगवान जगन्नाथ न स्थाई दुख देते हैं न ही स्थाई सुख।”

“भगवान जगन्नाथ न स्थाई दुख देते हैं न ही स्थाई सुख।”

-अशोक पाण्डेय —————– भगवान जगन्नाथ की कृपा, दया, करुणा, सहयोग और करिश्मा की प्रत्यक्ष कहानी अनेक हैं। विद्यापति जयदेव, चैतन्य,
भाव ग्राही हैं पुरुषोत्तम श्री जगन्नाथ जी

भाव ग्राही हैं पुरुषोत्तम श्री जगन्नाथ जी

-अशोक पाण्डेय ————— मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान जगन्नाथ जी कलियुग के एक मात्र भाव ग्राही जगदीश हैं। यह अनुभव उनकी कुल

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