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-अशोक पाण्डेय —————— जैसा कि हमारे पुराण , विशेषकर स्कन्द पुराण यह स्पष्ट करता है कि भगवान जगन्नाथ के पूर्ण
-अशोक पाण्डेय —————- यह दिव्य घटना 1986 की है। रथयात्रा की सारी रीति -नीति संपन्न हो चुकी थी। भगवान जगन्नाथ
भगवान जगन्नाथ हमें प्रतिदिन प्रातः काल उनके नाम का स्मरण करने,उनके दर्शन करने,उनका वंदन करने तथा उनके दीनबंधु नाम की
-अशोक पाण्डेय —————— बात अगस्त,1986 है। मैं भुवनेश्वर में सबसे पहले जगन्नाथ संस्कृति के मर्मज्ञ स्वर्गीय गौरी कुमार ब्रह्मा जी
भुवनेश्वर, 31.05.2025: नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (नालको) ने कल भुवनेश्वर में स्मार्ट माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग पर एक सम्मेलन का आयोजन
श्रीपुरी धाम के श्री जगन्नाथ मंदिर (श्रीमंदिर) के रत्न वेदी पर विराजमान भगवान बलभद्र जी वर्तमान हैं। देवी सुभद्रा मां
भुवनेश्वर, 29 मई: अशोक पाण्डेयः शैक्षिक सशक्तिकरण और समावेशी राष्ट्र निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए, कीट डीम्ड
कुल 67 मानद डॉक्टरेट की डिग्री पानेवाले भारत के प्रथम शिक्षाविद् बने प्रोफेसर अच्युत सामंत भुवनेश्वरः, 28 मई:अशोक पाण्डेयः ओड़िशा
-अशोक पाण्डेय ——————- भगवान जगन्नाथ का मानव और मानवता को एक ही संदेश है: सच्चे मन से,उदार मन से और
अशोक पाण्डेय भगवान जगन्नाथ जगत के नाथ हैं। उनका महाप्रसाद है सभी में समता बनाए रखना जिसके लिए सत्संग परम