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“संस्कृति पुरुष “डॉक्टर किशन लाल भरतिया श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के सिंडिकेट मेंबर कुलाधिपति प्रोफेसर गणेशी लाल द्वारा मनोनीत

अशोक पाण्डेय, संपादक :आलोक पुरुष . इन

आध्यात्मिक जीवन जीनेवाले कटक निवासी डॉक्टर किशनलाल भरतिया को ओडिशा के महामहिम राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल , कुलाधिपति ने संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी के नये सिंडिकेट मेंबर के रूप में मनोनीत किया है । यह जानकारी विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति से मिली है। विश्वविद्यालय द्वारा अनुशंसित सिंडिकेट नामों की सूची में डॉक्टर किशन लाल भरतिया का नाम सर्वमान्य था। सिंडिकेट के नए मेंबरों में अन्य तीन नामों को भी कुलाधिपति ने नामित किया है।
डॉक्टर किशन लाल भरतिया के अध्यात्मिक और सामाजिक कार्य और योगदान अत्यंत उल्लेखनीय और प्रशंसनीय है।
गौरतलब है श्री किशन लाल भरतिया का सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन
पूरी तरह से एक समर्पित जीवन है।समाज सेवा और आध्यात्मिक जीवन से जुड़ा हुआ है ।उन्होंने ओडिशा समय पूरे भारत में अनेक गौशाला में, सनातनी मंदिर अनाथालय और अस्पतालों आदि का निर्माण किया है। उन्होंने अनेक स्कूल कॉलेज और धर्मशालाएं आदि के निर्माण में यथासंभव सहयोग दिया है।
ज्ञातव्य हो कि डॉ किशनलाल भरतिया ने जगन्नाथ पुरी धाम में एक पुरुषोत्तम वाटिका की स्थापना की है जहां पर पूरे साल भर आध्यात्मिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहते हैं। भारत के अनेक अनेक नामी संत महात्मा वहां आते हैं, अध्यात्मिक प्रवचन देते हैं जिसका लाभ आध्यात्मिक जीवन जीने वाले लोगों हजारों को मिलता है ।डॉक्टर किशन लाल भरतिया पुरी संस्कृत विश्वविद्यालय से भी काफी लंबे समय से जुड़े रहे हैं। उन्होंने लगातार लगभग 10 वर्षों तक पुरी संस्कृत विश्वविद्यालय के मेधावी बच्चों को अपनी ओर से छात्रवृत्ति प्रदान की है। पुरी स्थित अपने पुरुषोत्तम वाटिका पुरी में श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के अनेक कार्यक्रम आयोजित किया है। पुरी गोवर्धन पीठ के 145 वे पीठाधीश्वर परमपाद स्वामी निश्चल आनंद सरस्वती महाभाग के गोवर्धन मठ में भी करोडो रूपए की लागत से अपनी ओर मां विमला मंदिर का सुंदर निर्माण किया है। वे श्री जगन्नाथ मंदिर सेवायतो को समय-समय पर सूखे राशन से लेकर अन्य प्रकार के सहयोग नियमित रूप से उपलब्ध कराते हैं।
डॉक्टर किशनलाल भरतिया निर्विवाद रूप से एक निस्वार्थ समाज सेवी हैं जो आध्यात्मिक जीवन जीने वाले प्रेरणा पुरुष हैं ।अपनी नई जिम्मेदारी श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के सिंडिकेट मेंबर के रूप में सहर्ष स्वीकार करते हुए यह बताते हैं
कि संस्कृत हमारी देव भाषा है । संस्कृत के वेद मंत्रों में सनातनी देवी देवताओं के आवाहन की ताकत होती है । आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए संस्कृत का उच्च ज्ञान बहुत जरूरी है ।
वे सिंडिकेट मेंबर के रूप में विश्वविद्यालय प्रबंधन को हर प्रकार से सहयोग करेंगे ।
ओडिशा के महामहिम राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ निभाने की अपनी वचनबद्धता को दोहराया।
विश्वविद्यालय के गुणात्मक शैक्षिक विकास और प्रबंधन में वे पूर्ण सहयोग करेंगे। संस्कृति पुरुष किशन लाल भरतिया की नि:स्वार्थ सामाजिक और आध्यात्मिक सेवाओं के लिए भुवनेश्वर स्थिति कीट डीम्ड विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें मानद डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की जा चुकी है। उनके आध्यात्मिक जीवन से पूरे विश्व विद्यालय परिवार को प्रेरणा मिलेगी।
श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के नये सिंडिकेट मेंबर चुने जाने पर डॉ किशनलाल भारतिया को अनेकानेक शुभकामनाएं एवं बधाइयां।

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