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सुविचारः

वीरता मारने में नहीं किसी के लिए मरने में है।किसी की प्रतिष्ठा बचाने में है,प्रतिष्ठा गंवाने में नहीं।
किसी की भीतरी सुंदरता उसके अच्छे विचार होते हैं।
जिसको पराजित होने का डर होता है उसकी हार निश्चित है।
आभूषणों से स्त्रियां नहीं सजती हैं,वे सजती हैं अपने गुण से तथा अपने मन की निर्मलता से। अपने स्वाभव की पवित्रता से।
अगर जीवन में ऊंचा उठना है तो ऊंचे विचार रखें।
महान व्यक्तियों का साथ कभी बेकार नहीं जाता है।
सदा प्रसन्न चित्त रहने से व्यक्ति अधिक दिन तक जीता है।
प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असंभव नजर आता है।
धीरज सभी प्रकार के आनन्दों तथा शक्तियों का मूल है।
संकट के समय धीरज रखना ही जैसे आधी लडाई को जीत लेने जैसा है।
जो अनुशासन को अपनाता है वहीं जीवन में शासन करता है।
सरल व्यकित ही निर्मल बनते हैं और धर्म सदा निर्मल व्यक्तियों में ही रहता है।
सभी भौतिक इच्छाएं दुख के घर हैं।
क्रोध एकप्रकार की आंधी जैसा है। क्रोध जब आता है तो सबसे पहले विवेक समाप्त हो जाता है।
समस्याएं जीवन को रोचक बनाती हैं और समस्यों पर विजय पाना ही जीवन की सार्थकता है।
श्रेष्ठ व्यक्तियों को सबसे पहले अपने माता-पिता,बच्चों को खाना खिलाकर ही स्वयं खाना चाहिए।

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