वीरता मारने में नहीं किसी के लिए मरने में है।किसी की प्रतिष्ठा बचाने में है,प्रतिष्ठा गंवाने में नहीं। किसी की
भुवनेश्वर:30दिसंबर: अशोक पाण्डेय: तेरापंथ जैन के महातपस्वी परम पावन आचार्य श्री महाश्रमणजी के शुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमार जी, मुनि परमानंदजी